देश भक्ति गीत .........
कभी लाद्दत में राबिया ने भी गाया है तुझे , बाबा बर्फानी ने दरबार बनाया है तुझे !
तेरी झीलों के मोहब्बत में है पागल बादल ,माँ के माथे पर दमकते हुए पवन आँचल !
तेरी सर्गोसी पे कुर्बान तेरा पूरा वतन , मेरे कश्मीर ,मेरी जान ,मेरे प्यारे वतन !
तेरे गुलमर्ग पे सरताज ताज हर गया,तु वो जन्नत कि जहाँगीर भी दिल हर गया !
तुझसे मिलने जो गया तो तेरा होकर लौटा, काबुली वाला तेरी गलियों से होकर लौटा !
सूफियों ने तुझे पैगाम ए हक़ सुनाया था , शंकराचार्य ने मंदिर वहीँ बनाया था !
आ मिले शिकवे करे दोनों आज दफ़न ,मेरे कश्मीर ,मेरी जान ,मेरे प्यारे वतन !
तेरे बेटों के संस्कृत के व्याकरण की कसम, खुबानी सेब जैसे मीठे आचरण की कसम !
तेरी क़ुरबानी में डूबी हुई सदियों की कसम , तेरे पर्वत से उतरती हुई नदियों की कसम !
गुल के गुलफाम के गुलसन के किनारों की कसम , तेरी डल झील के उन सरे शिकारों की कसम !
तुझको सीने से लगाने के हैं ये सारे जतन , मेरे कश्मीर ,मेरी जान ,मेरे प्यारे वतन !
तुझको सीने से लगाने के हैं ये सारे जतन ,मेरे कश्मीर, मेरी जान, मेरे प्यारे वतन !!
By Jay Prakash Rajvanshi.....................
https://jayprakash4u.blogspot.com/2022/03/blog-post.html
Thanks for reading
जवाब देंहटाएंSo nice
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